Sunday, April 26, 2015

बेटियाँ ही हैं लक्ष्मी, शिवा, शारदा

बेटियाँ ही हैं लक्ष्मी, शिवा, शारदा 




बेटियाँ हैं तो हँसते हुए फूल हैं,
बेटियों से चमन रहता गुलज़ार है |

बेटियाँ हैं तो सावन के झूले भी हैं,
बेटियाँ हैं तो बागों में मल्हार है |

बेटियों से है आँगन में किलकारियाँ,
बेटियों से ही जीवंत संसार है |

बेटियाँ ही हैं लक्ष्मी, शिवा, शारदा,
बेटियों को भी जीने का अधिकार है |