Sunday, January 24, 2010

गतांक से आगे ...........

इटावा नुमाइश का कविसम्मेलन
इटावा नुमाइश के कविसम्मेलन का समाचार अमर उजाला में निकला,में अपने गाँव रजौरा में था. मेरे मामा श्री अगम शर्मा उन दिनों कवितायेँ लिखने लगे थे. उन्होंने मुझे अखबार दिखाया . उदय प्रताप के संयोजन में राष्ट्रकवि रामधारीसिंह दिनकर, हास्य कवि शैल चतुर्वेदी, मुकुट बिहारी सरोज , सोम ठाकुर, देवी प्रसाद राही, बहादुर सिंह निर्दोषी और काका हाथरसी काव्य पाठ करने वाले थे . मैंने और मामाजी ने कविसम्मेलन में काव्य पाठ का निश्चय किया. एक साइकिल पर हम दोनों ७० किलोमीटर दूर इटावा के लिए चल पड़े .जाड़ों के दिन थे .पास में १० रूपए थे. रास्ते में साइकिल पंचर हो गयी. आसपास कोई साइकिल की कोई दुकान नही थी. एक गाँव में साइकिल पटकी ,ट्रक में बेठे और रात को ८ बजे तक इटावा प्रदर्शिनी पंडाल तक पहुँच गए